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मप्र सरकार का किसानों को तोहफा: गेहूं एमएसपी 2700 रुपये

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 2700 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि उनकी सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए धान और गेहूं के एमएसपी में वृद्धि की है। इससे प्रदेश के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। 15 मार्च से शुरू हुई गेहूं खरीद के लिए पहले से ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है और रिकॉर्ड एमएसपी पर खरीदारी की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करेगी और सुशासन तथा विकास की दिशा में कार्य करेगी।

किसानों के लिए समर्थन मूल्य-

किसानों के लिए समर्थन मूल्य (न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी) एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत सरकार प्रमुख फसलों की न्यूनतम खरीद मूल्य निर्धारित करती है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित करना है। मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं की फसल के लिए एमएसपी को 2700 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। यह देश में सबसे अधिक एमएसपी है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा किए गए चुनावी वादे के अनुरूप है जिसमें कृषि उपज के लिए बेहतर मूल्य देने की बात कही गई थी। इस उच्च एमएसपी से प्रदेश के लगभग 75 लाख गेहूं उत्पादक किसानों को काफी लाभ मिलेगा। यह उन्हें उत्पादन लागत से कहीं अधिक मूल्य प्रदान करेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, इससे किसानों को अपनी फसल बेचने का एक सुरक्षित विकल्प मिलेगा और उन्हें व्यापारियों द्वारा कम मूल्य देने से बचाया जा सकेगा। इस योजना के तहत, सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसियों से किसानों की फसल खरीदी जाएगी। मध्य प्रदेश में पहले से ही खरीद केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं और 15 मार्च से गेहूं की खरीदारी शुरू हो गई है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए इन केंद्रों पर जाना होगा।

इस प्रकार, उच्च एमएसपी मूल्य से प्रदेश के किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह कदम वास्तव में कृषि क्षेत्र के विकास और किसान कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के विकास कार्य –

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने देशवासियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरतापूर्वक लिया है और वे अपने प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लिए विकासात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके कुछ बिंदु इस प्रकार हैं:

  1. जनादेश का सम्मान: मुख्यमंत्री जी का कहना है कि उन्हें जनता ने भारी मतों से विजयी बनाया है, इसलिए वे अपने वादों को पूरा करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
  1. शासन में पारदर्शिता: उन्होंने संकल्प लिया है कि उनकी सरकार सुशासन और विकास की दिशा में काम करेगी। सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
  1. किसान कल्याण: गेहूं के उच्च एमएसपी की घोषणा से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री जी किसान हित को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि धान के एमएसपी को भी बढ़ाया जाएगा।
  1. युवा और महिलाओं पर ध्यान: सरकार बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  1. छात्रों की शिक्षा: शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना भी सरकार की प्राथमिकता में है ताकि छात्रों का समुचित विकास हो सके।
  1. समग्र विकास: मुख्यमंत्री जी का लक्ष्य प्रदेश का चहुंमुखी विकास है और वह सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर विकास कार्य करेंगे।

इस प्रकार, मुख्यमंत्री अपने घोषणा पत्र के वादों और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका फोकस जनकल्याणकारी योजनाओं और समावेशी विकास पर है ताकि प्रदेश के सभी वर्गों को लाभ मिल सके।

विधानसभा चुनाव के वादे पूरे होंगे –

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट रूप से यह आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार विधानसभा चुनाव से पहले जारी किए गए संकल्प पत्र में लिखे गए सभी वादों को पूरा करेगी। इस संबंध में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला है:-

  1. वादों पर अमल: मुख्यमंत्री जी का कहना है कि उनकी सरकार अपने सभी वादों को धरातल पर उतारेगी और उन्हें पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। गेहूं के एमएसपी को बढ़ाना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  1. प्राथमिकता क्षेत्र: संकल्प पत्र में किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं, युवाओं और छात्रों जैसे विभिन्न वर्गों के लिए विकास और कल्याणकारी योजनाएं शामिल की गई थीं। मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट किया है कि इन सभी क्षेत्रों पर उचित ध्यान दिया जाएगा।
  1. सुशासन पर जोर: सरकार का मुख्य लक्ष्य सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। संकल्प पत्र में इसे भी शामिल किया गया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
  1. जनता की अपेक्षाएं: मुख्यमंत्री जी का मानना है कि जनता ने उन्हें विशाल जनादेश दिया है और इसलिए उन्हें जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना होगा। संकल्प पत्र में शामिल मुद्दों पर ध्यान देना इसी दिशा में एक कदम है।
  1. चरणबद्ध कार्यान्वयन: मुख्यमंत्री जी ने संकेत दिया है कि संकल्प पत्र में लिखे गए वादों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। गेहूं के बाद धान की बारी होगी। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों पर भी कार्य होगा।

इस प्रकार, मुख्यमंत्री जी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं कि उनकी सरकार संकल्प पत्र में दिए गए सभी वादों और प्रतिज्ञाओं को निष्ठापूर्वक निभाएगी। इसके लिए उचित योजनाएं और रोडमैप तैयार किए जा रहे हैं।

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